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प्रिया दत्त बोलीं- कैंसर से डरना नहीं, लड़ना है:कहा- कैंसर का मतलब मौत नहीं, सही समय पर इलाज जरूरी, जागरूक होना सबसे अहम

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आज वर्ल्ड कैंसर डे (4 फरवरी) है। इस मौके पर दैनिक भास्कर ने पूर्व लोकसभा सांसद और सोशल वर्कर प्रिया दत्त से बात की। प्रिया दिवंगत एक्टर सुनील दत्त और नरगिस की बेटी हैं। 1981 में नरगिस की कैंसर से मौत के बाद सुनील दत्त ने नरगिस दत्त फाउंडेशन की शुरुआत की थी। यह फाउंडेशन कैंसर से पीड़ित मरीजों की मदद और उन्हें अच्छी चिकित्सा मुहैया कराने की सोच से शुरू किया गया था।

सुनील दत्त के निधन के बाद प्रिया दत्त ने इस फाउंडेशन को आगे बढ़ाया। आज इस फाउंडेशन के जरिए हजारों कैंसर पेशेंट की मदद की जा चुकी है। प्रिया ने कहा कि हमें कैंसर से डरना नहीं बल्कि लड़ना है। लोग कैंसर का नाम सुनकर ही डर जाते हैं। उन्हें लगता है कि कैंसर का मतलब मौत ही है। ऐसा नहीं है, अगर सही समय पर इसका इलाज हो जाए तो इससे बचा जा सकता है।

जिनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, हमारा फाउंडेशन उन्हीं के लिए काम करता है
प्रिया दत्त ने कहा, ‘कैंसर के लिए अवेयरनेस फैलाने के लिए हमने 1981 में नरगिस दत्त फाउंडेशन की शुरुआत की थी। उस वक्त तक ज्यादातर लोगों को इस बीमारी के बारे में पता नहीं था। हालांकि उस वक्त इसके पेशेंट भी कम हुआ करते थे। आज यह संख्या काफी बढ़ गई है, लेकिन एक बात अच्छी है कि लोग अब पहले की तुलना में ज्यादा जागरूक हो गए हैं।

कैंसर से डरने की जरूरत नहीं, बस जागरूकता होनी चाहिए
प्रिया ने कहा कि लोगों को कैंसर का नाम सुनकर डरने की जरूरत नहीं है। कैंसर की तुलना में अभी भी हार्ट अटैक से ज्यादा लोग मरते हैं। लोगों को लगता है कि कैंसर का मतलब मौत है। ऐसा नहीं है, अगर सही समय में बीमारी का पता चल जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है। हमें बस जागरूकता दिखानी है।

अगर बॉडी में कुछ भी परेशानी दिखे, उसकी तुरंत जांच करानी चाहिए। मुंह में भी कुछ हुआ तो उसे छाला समझ कर इग्नोर मत कीजिए। हमें कैंसर से डरना नहीं बल्कि लड़ना है। हमें समय-समय पर टेस्ट कराते रहना चाहिए। अगर बीमारी को जल्दी डिटेक्ट कर लिया तो इसका ट्रीटमेंट भी आसान और सस्ता हो जाता है।

कोई मरीज पैसे के अभाव में अपनी जान न गंवाए, यही फाउंडेशन का लक्ष्य
प्रिया दत्त ने कहा कि उनका ऑर्गेनाइजेशन मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के साथ मिलकर काम करता है। नरगिस दत्त फाउंडेशन मरीजों को वहां भेजती है। उनके लिए फंड्स इकट्ठा करती है। पेशेंट्स की काउंसलिंग भी करती है।

साधारण से साधारण व्यक्ति भी फाउंडेशन तक पहुंच सकता है
अगर किसी छोटे शहर के व्यक्ति को आपके फाउंडेशन तक पहुंचना हो तो क्या करना पड़ेगा। जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमारी वेबसाइट है। वहां फोन नंबर्स भी दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी हमारा प्रेजेंस है। जब आप गूगल पर नरगिस दत्त फाउंडेशन टाइप करेंगे तो सारी जानकारियां मिल जाएंगी।

जब भी हमारे पास किसी मरीज का फोन आता है, सबसे पहले हम उसका रिकॉर्ड देखते हैं। फिर उसे डॉक्टर्स को दिखाते हैं। सारी रिपोर्ट्स को देखने के बाद डॉक्टर्स मिलने का समय देते हैं।

फिर हमारे यहां से मरीजों को कॉल जाती है और उन्हें मुंबई बुलाया जाता है। हम कोशिश करते हैं कि कोई भी मरीज हमारे यहां से निराश न लौटे। अगर वो हमारी क्राइटेरिया में फिट नहीं भी बैठा तो भी हम उसके लिए किसी न किसी तरीके से दूसरी व्यवस्था जरूर करते हैं।’

डोनेशन का 85% पैसा मरीजों में लगता है
प्रिया ने कहा कि उनकी 15 लोगों की टीम है। सबको अलग-अलग काम दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी छोटी सी टीम है। सबको पता है कि उन्हें क्या करना है। हमारी रोज मीटिंग्स होती हैं। हम रोज इस बात पर चर्चा करते हैं कि आज कितने मरीजों ने हमसे संपर्क करने की कोशिश की है।

पहले हमारे पास डोनेशन से जितने भी रुपए आते थे, वो हम सारे मरीजों के इलाज में लगा देते थे। अभी हम उसमें से 15% रख लेते हैं। डोनेशन का 85% पैसा मरीजों में लगता है। ऑफिस और स्टाफ के खर्चे भी तो निकालने पड़ते हैं। पहले इसे मैं अपने खर्चे से मैनेज करती थी, अब चूंकि टीम बड़ी हो गई है, काम भी बढ़ गया है। इसलिए अलग से पैसे लगने स्वाभाविक हैं।’

प्रिया ने कहा- खुद को मजबूत बनाना पड़ता है
आप अपने सामने रोज कैंसर के मरीजों को देखती हैं, उनके दुख और दर्द को फेस कैसे करती हैं। जवाब में प्रिया ने कहा, ‘अपने आप को थोड़ा मजबूत तो बनाना ही पड़ता है। मैं 13 साल की थी, जब मेरी मां नरगिस दत्त को कैंसर हुआ था। एक साल तक वो बहुत दर्द में रहीं। मैंने वो चीज झेली है। वहीं से मेरे अंदर हिम्मत आई।’

नरगिस ने जाते-जाते अपनी बातों से फाउंडेशन की नींव रख दी थी
नरगिस दत्त फाउंडेशन स्टार्ट करने की सोच कहां से आई? प्रिया ने कहा, ‘पिता सुनील दत्त मां का इलाज कराने अमेरिका ले गए थे। उस बीमारी की हालत में भी मां ने कहा कि आप मुझे तो यहां तक ले आए, लेकिन जरा उनके बारे में सोचिए जो इतना महंगा ट्रीटमेंट अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। मां की उन्हीं बातों ने नरगिस दत्त फाउंडेशन की नींव रख दी थी।

पिताजी ने अमेरिका में इस फाउंडेशन की शुरुआत की। वहां के लोगों ने उनकी काफी मदद की। पिताजी जब तक जीवित थे, तब तक इस फाउंडेशन को खुद के पैसे से चलाते रहे। वो किसी से फंड मांगने में हिचकिचाते थे। उनके निधन के बाद मैंने इसका चार्ज लिया। फाउंडेशन को बहुत बड़े लेवल पर आगे ले जाना था, इसलिए मैंने फंड इकट्ठा करना शुरू किया।’

अगर उस वक्त आज के जैसी एडवांस सुविधाएं होतीं तो क्या नरगिस जी को बचाया जा सकता था? जवाब में प्रिया दत्त ने कहा, ‘मां को पैंक्रियाटिक कैंसर था, जो आज भी बहुत खतरनाक है। हालांकि वो फाइटर थीं, हम कह सकते हैं कि आज के समय में ऐसा हुआ होता तो वो सर्वाइव कर सकती थीं।’

मां की तबीयत की वजह से फैमिली ने झेली कठिनाइयां
प्रिया ने कहा कि मां की तबीयत की वजह से उनकी एक साल की पढ़ाई बाधित हो गई थी। पूरा दत्त परिवार नरगिस जी के इलाज के लिए अमेरिका शिफ्ट हो गया था। प्रिया कहती हैं, ‘मैं, संजू और मेरी बहन, हम सभी उस वक्त ज्यादा समझदार नहीं हुए थे। पिताजी भी बहुत टूट चुके थे। हम लोग उन्हें भी संभालने में लगे थे।

मजबूरी ऐसी थी कि हम लोग खाना बनाना भी सीख गए थे। पिताजी ने तो खाना-पीना सब कुछ छोड़ दिया था। हम सोचते थे कि शायद हम लोग उनके लिए कुछ बनाएं तो वो खा सकते हैं।

पिताजी को लगता था कि वो अकेले हम लोगों को कैसे संभालेंगे। उस वक्त तक मां ही थीं, जो घर-द्वार से लेकर बच्चों तक पर सारा ध्यान देती थीं। पिताजी की लाइफ काफी ज्यादा व्यस्त रहती थी। हालांकि समय के साथ पिताजी को एहसास हुआ कि अब अपने बच्चों के लिए मां और बाप दोनों वही हैं। वो फिर से एक्टिव हुए और अपने बच्चों के लिए जीने लगे।’

मां-बाप ने साधारण तरीके से परवरिश की
प्रिया के मुताबिक, उनके माता-पिता ने कभी यह महसूस नहीं कराया कि हम कितने बड़े स्टार्स के बच्चे हैं। उन लोगों ने बहुत साधारण तरीके से हमारी परवरिश की। प्रिया ने कहा, ‘पिताजी काफी स्ट्रिक्ट थे। वे इस बात पर हमेशा जोर देते थे कि लाइफ में कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती है, इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। पिताजी कभी अपनी जड़ों को नहीं भूलते थे।’

28 वर्षीय भारतीय मूल के शख्य की न्यूजीलैंड में मौत, मामले की जांच में जुटी पुलिस

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गुरजीत सिंह एक कोरस टेक्नीशियन था जो लिबर्टन की हिलेरी सेंट में एक घर किराए पर ले रहा था.

नई दिल्ली: 

न्यूजीलैंड के डुनेडिन में 28 वर्षीय भारतीय मूल के एक व्यक्ति की रविवार को रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई. न्यूजीलैंड हेराल्ड के मुताबिक गुरजीत सिंह 2015 से ही न्यूजीलैंड में रह रहा था और सोमवार को उसका शव उसके घर के बाहर खून से लथपथ मिला. सोमवार की सुबह गुरजीत सिंह के एक दोस्त ने उसके शव को सबसे पहले देखा था, जो वहां गुरजीत का हालचाल पूछने के लिए पहुंचा था. शुरुआत में पुलिस गुरजीत की हत्या के कारण को नहीं समझ पाई थी लेकिन पोस्टपार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उसे किसी नुकीली चीज से मारा गया है. इसके बाद पुलिस ने पुष्टी की कि उसकी मौत एक हत्या थी. 

गुरजीत सिंह एक कोरस टेक्नीशियन था जो लिबर्टन की हिलेरी सेंट में एक घर किराए पर ले रहा था. दरअसल, गुजरीत ने 6 महीने पहले ही शादी की थी और उसकी पत्नी इसी महीने न्यूजीलैंड आने वाली थी. आउटलेट की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरजीत की पत्नी की 6 फरवरी की फ्लाइट शेड्यूल है. गुरजीत का शव सोमवार सुबह तब मिला जब उसकी पत्नी ने उसके एक दोस्त को फोन किया और बताया कि वो गुरजीत से संपर्क नहीं कर पा रही है. 

न्यूजीलैंड पुलिस ने कहा कि उन्होंने गुरजीत की मौत की जांच के लिए एक बड़ी टीम तैनात की है. डिटेक्टिव सार्जेंट कल्लम क्राउडिस ने कहा कि डुनेडिन स्थित जांचकर्ता और क्राइस्टचर्च स्थित ईएसआर साइंटिस्ट हिलेरी सेंट में घटनास्थल की जांच कर रहे हैं, जिसे गुरजीत सिंह किराए पर ले रहा था.

कनाडा को चुनाव से पहले सता रहा ये डर, भारत-चीन को बताया ‘विदेशी खतरा’

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ताजा रिपोर्ट ‘ब्रीफिंग टू द मिनिस्टर ऑफ डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस ऑन फॉरेन इंटरफेरेंस’ में चीन को “अब तक का सबसे महत्वपूर्ण खतरा” बताया गया है. दस्तावेज़ में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कहा गया है, “हम जानते हैं कि पीआरसी ने 2019 और 2021 के संघीय चुनावों को गुप्त रूप से प्रभावित करने की कोशिश की थी.” मीडिया ने कहा कि दस्तावेज़ के कुछ हिस्सों में केवल भारत और चीन का नाम सार्वजनिक किया गया है, जबकि इसका अधिकांश भाग काला कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि विदेशी हस्तक्षेप “संप्रभुता, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और मूल्यों को नष्ट करके” कनाडा और कनाडाई लोगों को नुकसान पहुंचाता है.

SBI के तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित:Q3 में बैंक का नेट प्रॉफिट 35% घटकर ₹9,163 करोड़ रहा, नेट इंटरेस्ट इनकम ₹39,815 करोड़ रही

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देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आज शनिवार (3 फरवरी) को वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। Q3FY24 में बैंक का नेट प्रॉफिट सालाना आधार (YoY) पर 35% घटकर 9,163 करोड़ रुपए रहा। पिछले साल की समान तिमाही में यह 14,205 करोड़ रुपए था।

हालांकि, वित्त वर्ष 24 के पहले 9 महीनों में बैंक ने 40,378 करोड़ रुपए का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दर्ज किया। यह वित्त वर्ष 23 के पहले 9 महीनों के 33,538 करोड़ रुपए के स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट से 20.40% ज्यादा है।

तीसरी तिमाही में बैंक की इंटरेस्ट इनकम सालाना आधार (YoY) पर 22% बढ़कर 105,733.78 करोड़ रुपए रही। पिछले साल की समान तिमाही में यह 86,616.04 करोड़ रुपए रही थी।

नेट इंटरेस्ट इनकम 39,815 करोड़ रुपए रही
बैंक ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 66,918 करोड़ रुपए का इंटरेस्ट का पेमेंट किया है। Q3 में देश के सबसे बड़े बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 39,815 करोड़ रुपए रही।

वित्त वर्ष 24 के पहले 9 महीनों में बैंक का NIM सालाना आधार पर 1 बीपीएस घटकर 3.28% हो गया। वहीं बैंक का डोमेस्टिक NIM वित्त वर्ष 24 के पहले 9 महीनों में सालाना आधार पर 8 बीपीएस घटकर 3.41% रहा।

ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स 2.42% रहा
बैंक का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) 2.42% रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 3.14% था। दूसरी ओर, दिसंबर तिमाही के लिए नेट NPA पिछले साल के 0.77% की तुलना में 0.64% रहा।

फ्रांस में एफिल टावर पर लॉन्च हुआ भारत का UPI:मोदी बोले- देखकर खुशी हुई; जयपुर में इससे मैक्रों-मोदी ने किया था डिजिटल पेमेंट

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फ्रांस में शुक्रवार को UPI लॉन्च हो गया है। फ्रांस में भारतीय दूतावास ने 2 फरवरी को पेरिस के एफिल टावर पर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को औपचारिक रूप से लॉन्च किया। अब लोग UPI के जरिए एफिल टावर के लिए टिकट बुक कर सकेंगे।

इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा- यह देखकर बहुत अच्छा लगा। खुशी हुई। यह UPI को ग्लोबल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

मैक्रों की भारत यात्रा के बाद हुई लॉन्चिंग
यह लॉन्चिंग फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भारत यात्रा के बाद हुई है। 25 जनवरी को मैक्रों जयपुर पहुंचे थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें UPI पेमेंट डिजिटल सिस्टम के बारे में जानकारी दी थी। उन्हें पेमेंट करना सिखाया था। इसके अलावा दोनों लीडर्स ने चाय पी थी। इसका पेमेंट राष्ट्रपति मैक्रों ने किया था।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति UPI पेमेंट के मुरीद हो गए थे। 26 जनवरी को मैक्रों ने स्टेट डिनर के दौरान कहा- ‘मैं जयपुर में PM मोदी के साथ पी गई चाय को कभी नहीं भूल सकता, क्योंकि उसका पेमेंट UPI से किया गया था। वो मेरे लिए बहुत खास था। वो चाय हमारी दोस्ती, गर्मजोशी, परंपरा और इनोवेशन का सबसे बेहतरीन उदाहरण था।’

फ्रांस और भारत के बीच डिजिटल पेमेंट को लेकर करार
जुलाई 2023 में फ्रांस के दौरे पर भारतीय समुदाय से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था- फ्रांस और भारत के बीच डिजिटल पेमेंट को लेकर करार हुआ है। इसके तहत फ्रांस में भारत के UPI से पेमेंट की जा सकेंगी। उन्होंने कहा था- जल्द फ्रांस में भारतीय पर्यटक रुपए में भुगतान कर सकेंगे।

NCPI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और फ्रांस की लाइरा कलेक्ट ने फ्रांस और यूरोप में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को लागू करने के लिए एक समझौते पर साइन किए थे।

UPI 2016 में लॉन्च हुआ था
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI को 2016 में लॉन्च किया गया। इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बनाया है। इसने आसान तरीके से सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी। इससे पहले डिजिटल वॉलेट का चलन था। वॉलेट में KYC जैसी झंझट है, जबकि UPI में ऐसा कुछ नहीं करना पड़ता।

UPI को NCPI ऑपरेट करता है
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था।

पेरिस रेलवे स्‍टेशन पर चाकूबाजी में 3 लोग हुए घायल, आरोपी गिरफ्तार

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पेरिस के गारे डे ल्योन रेलवे स्टेशन पर चाकूबाजी की एक घटना में 3 लोग घायल हो गए हैं, जिसमें एक को गंभीर चोटें आई हैं. पुलिस ने आरोपी शख्‍स को गिरफ्तार कर लिया है.

पेरिस: 

फ्रांस में पेरिस के गारे डे ल्योन रेलवे स्टेशन पर शनिवार को एक शख्‍स ने चाकू से कई लोगों पर हमला कर दिया. एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस घटना में तीन लोग घायल हुए हैं. 

हिरासत में लिया गया व्यक्ति, जिसकी राष्ट्रीयता उजागर नहीं की गई है, सुबह लगभग 8:00 बजे (0700 GMT) स्टेशन पर छुरा लेकर पहुंचा और लोगों पर हमला करने लगा. इस स्‍टेशन पर घरेलू ट्रेनों के साथ-साथ स्विट्जरलैंड और इटली जाने वाली ट्रेनों की रुकती हैं. पुलिस ने कहा कि एक व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं, जबकि दो अन्य मामूली रूप से घायल हुए हैं.

एक पुलिस सूत्र ने बताया, “संदिग्ध ने अपने हमले के दौरान (कोई भी धार्मिक नारा) नहीं लगाया. उसने पुलिस को एक इतालवी ड्राइविंग लाइसेंस प्रस्तुत किया.” 

SBI और ONGC में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है सरकार:वित्त मंत्री बोलीं- डिसइन्वेस्टमेंट से परहेज नहीं, कंपनियों की वैल्यूएशन बढ़ाना चाहती है सरकार

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सरकार दो पब्लिक सेक्टर कंपनियों, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) में अपने कंट्रोलिंग स्टेक्स बेच सकती है। सरकार के पास फिलहाल SBI में 57.49% और ONGC में 58.89% की हिस्सेदारी है। टीवी18 ने इस बात की जानकारी दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने से सरकार को कोई परहेज नहीं है, ना ही सरकार अपनी कंपनियों में माइनॉरिटी स्टेक्स रखने के खिलाफ है। किसी भी फर्म में 50% से कम की हिस्सेदारी माइनॉरिटी हिस्सेदारी होती है।

मार्केट में शेयर्स जारी कर प्राइवेट ओनरशिप बढ़ाएगी सरकार
वित्त मंत्री ने बताया कि ‘दीपम’ यानी डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने धीरे-धीरे बड़ी मात्रा में सरकारी शेयरों को मार्केट में जारी किए हैं, ताकि प्राइवेट ओनरशिप को बढ़ाया जा सके। DIPAM डिसइन्वेस्टमेंट की प्रोसेस देखने वाला डिपार्टमेंट है।

कंपनियों की वैल्यूएशन बढ़ाना चाहती है सरकार
वित्त मंत्री ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि कंपनियों की वैल्यूएशन बरकरार रहे। उन्होंने बताया कि पब्लिक सेक्टर की लिस्टेड कंपनियों और उनकी वैल्यूएशन में वाइब्रेंसी आई है। उनके शेयरों की कीमतें बढ़ी हैं, पहले की तुलना में डिविडेंड्स में बढ़ोतरी हुई है।

इसलिए डिसइन्वेस्टमेंट अलग बात है, लेकिन हम उन कंपनियों की वैल्यू बढ़ाने और मार्केट को उनके लिए फेवरेबल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। बता दें कि सरकार पिछले कुछ सालों से पब्लिक लिस्टेड कंपनियों के डिसइन्वेस्टमेंट पर ज्यादा फोकस कर रही है। हाल ही में सरकार ने एअर इंडिया में अपने कंट्रोलिंग स्टेक्स टाटा ग्रुप को बेचे हैं।

तीसरी तिमाही में SBI को ₹9,163 करोड़ का प्रॉफिट
Q3FY24 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का नेट प्रॉफिट सालाना आधार (YoY) पर 35% घटकर 9,163 करोड़ रुपए रहा है। पिछले साल की समान तिमाही में यह 14,205 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष-24 के पहले 9 महीनों में बैंक ने 40,378 करोड़ रुपए का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दर्ज किया है।

तीसरी तिमाही में बैंक की इंटरेस्ट इनकम सालाना आधार (YoY) पर 22% बढ़कर 105,733.78 करोड़ रुपए रही। बैंक ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 66,918 करोड़ रुपए इंटरेस्ट का पेमेंट किया है। Q3 में देश के सबसे बड़े बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 39,815 करोड़ रुपए रही।

पाकिस्तान में आठ फरवरी के आम चुनाव की तैयारियां पूरी: अधिकारी

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नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए कुल लगभग 18,000 उम्मीदवार दौड़ में शामिल हैं. जिन चार प्रांतीय विधानसभाओं में चुनाव होंगे उनमें पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान शामिल हैं.

इस्लामाबाद: 

पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने आठ फरवरी को आम चुनाव कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, जिसमें नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं के सभी निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव के लिए 26 करोड़ से अधिक मतपत्रों की छपाई भी शामिल है.

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के अनुसार, नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 12 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं और देशभर में 90,675 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें 41,403 संयुक्त मतदान केंद्र शामिल हैं. 25,320 मतदान केंद्र पुरुषों के लिए और 23,952 मतदान केंद्र महिला मतदाताओं के लिए हैं.

नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए कुल लगभग 18,000 उम्मीदवार दौड़ में शामिल हैं. जिन चार प्रांतीय विधानसभाओं में चुनाव होंगे उनमें पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान शामिल हैं. नेशनल असेंबली (एनए) में कुल 336 सीट हैं जिनमें सामान्य वर्ग की 266 सीट, गैर-मुसलमान वर्ग की 10 सीट और महिला कोटे की 60 सीट शामिल हैं.

क्या 29 फरवरी के बाद बंद हो जाएगा पेटीएम:UPI, फास्टैग, वॉलेट कुछ भी नहीं चलेगा, 10 सवाल-जवाब में समझें पूरा मामला

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अरे राहुल भाई… पेटीएम से अपना सारा पैसा निकाल लो ये बंद होने वाला है। 29 फरवरी 2024 के बाद इसकी कई सारी सर्विस काम नहीं करेगी। क्या.. हां भाई सही बोल रहा हूं। RBI ने पेटीएम पेमेंट बैंक में पाई गई गड़बड़ियों के कारण उसकी सर्विसेस पर रोक लगा दी है।

ठीक है सोनू मैं जल्दी से पेटीएम वॉलेट से अपना सारा पैसा निकाल लेता हूं… पर क्या इसकी UPI सर्विस भी बंद हो जाएगी। और मेरी कार पर लगे फास्टैग का क्या होगा? मैंने तो म्यूचुअल फंड और गोल्ड में भी पेटीएम के जरिए ही इन्वेस्टमेंट किया है। एक FD भी है।

ठीक है राहुल मैं तुम्हें एक फाइनेंशियल एक्सपर्ट के पास ले चलता हूं। वो ही इन सभी सवालों का जवाब अच्छे से दे पाएंगे…

राहुल: क्या पेटीएम का ऐप काम करना बंद कर देगा, UPI भी नहीं होगा?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट:
 राहुल सबसे पहले मैं आपको कंपनी के बारे में 4 बातें बताता हूं ताकि आप इस पूरे मामले को अच्छे से समझ पाएं…

  • पेटीएम ब्रांड की पेरेंट कंपनी One97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड है।
  • इसका एक एसोसिएट बैंक भी है, पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड।
  • पेटीएम पेमेंट बैंक के जरिए पेटीएम ऐप पर सर्विसेज मिलती है।
  • पेटीएम पेमेंट बैंक में One97 कम्युनिकेशंस की 49% हिस्सेदारी है।

RBI ने जो रोक लगाई है वो पेटीएम पेमेंट बैंक पर लगाई है। पेटीएम अपनी कई सारी सर्विस इस बैंक के जरिए ही देता है। ऐसे में जो सर्विसेज पेटीएम पेमेंट्स बैंक के जरिए मिलती है वो 29 फरवरी 2024 के बाद बंद हो जाएंगी जबकि अन्य सर्विसेज पहले की तरह चलती रहेंगी।

पेटीएम अपनी UPI सर्विस पेटीएम पेमेंट बैंक के जरिए ही देता है। इसलिए दूसरे बैंकों के साथ टाई-अप नहीं होने की स्थिति में 29 फरवरी के बाद UPI सर्विस भी बंद हो जाएगी। पेटीएम ने बताया है कि उसकी NPCI और RBI दोनों के साथ इसे लेकर चर्चा चल रही है।

राहुल: सेविंग अकाउंट, वॉलेट, फास्टैग और NCMC अकाउंट का क्या होगा?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट:
 सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में मौजूद पैसों के विड्रॉल या उपयोग पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। बैलेंस अवेलेबल होने तक इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

राहुल: क्या पेटीएम म्यूचुअल फंड और पेटीएम मनी स्टॉक अकाउंट सुरक्षित हैं?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट: 
पेटीएम अपनी स्टॉक ब्रोकिंग और म्यूचुअल फंड सर्विसेज पेटीएम मनी के जरिए देता है। पेटीएम मनी एक सेबी रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है। इसलिए सर्विसेज पूरी तरह से प्रभावित नहीं होंगी। अगर आप पैसों के क्रेडिट और डेबिट के लिए पेटीएम पेमेंट बैंक के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो फिर आपकी सर्विसेज प्रभावित होंगी।

राहुल: मैंने तो पेटीएम से गोल्ड भी खरीदा है, क्या यह सुरक्षित हैं?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट: गोल्ड इन्वेस्टमेंट MMTC-PAMP के जरिए पूरी तरह सुरक्षित है। इसलिए पेटीएम पेमेंट बैंक पर लिए गए RBI के एक्शन से ये सर्विस पूरी तरह से प्रभावित नहीं होगी। अगर आप पैसों के क्रेडिट और डेबिट के लिए पेटीएम पेमेंट बैंक के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं तो फिर आपकी सर्विसेज प्रभावित होंगी।

राहुल: पेटीएम से लिए क्रेडिट कार्ड, लोन और इंश्योरेंस का क्या होगा?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट: 
पेटीएम जो क्रेडिट कार्ड प्रोवाइड करता है वो SBI और HDFC की पार्टनरशिप में करता है। इसी तरह लोन और इंश्योरेंस सर्विस भी पेटीएम पर दूसरे बैंक और NBFC के जरिए मिलती है। इसका पेटीएम पेमेंट बैंक से कोई-लेना देना नहीं है।

राहुल: तब तो पेटीएम के शेयर भी गिर गए होंगे क्या इन्हें खरीद लूं?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट: 
ठीक कह रहे हो राहुल 2 दिनों में ही पेटीएम का शेयर 40% टूट गया है। शुक्रवार को इसमें 20% का लोअर सर्किट लगा और ये 487 रुपए पर आ गया। इससे पहले गुरुवार को भी इसमें लोअर सर्किट लगा था। अभी इन शेयरों को खरीदना सही फैसला नहीं होगा। जब तक इस मामले पर स्पष्टता नहीं आ जाती तब तक ऐसे शेयरों से दूर रहना चाहिए। पेटीएम के शेयर में इस गिरावट को देखते हुए सेबी ने इसकी सर्किट लिमिट अब 10% कर दी है।

राहुल: Paytm QR, साउंडबॉक्स, कार्ड मशीन बंद हो जाएंगी?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट: पेटीएम के अनुसार उसका ऑफलाइन मर्चेंट पेमेंट नेटवर्क की ऑफरिंग्स जैसे कि पेटीएम क्यूआर, पेटीएम साउंडबॉक्स, पेटीएम कार्ड मशीन, हमेशा की तरह जारी रहेंगी।

राहुल: आखिर पेटीएम बैंक किन चीजों का उल्लंघन कर रहा था?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट: मनीकंट्रोल के अनुसार RBI को पेटीएम की KYC में बड़ी अनियमितताएं मिली हैं, जिससे ग्राहक सीरियस रिस्क में आ गए थे। पेटीएम ने लाखों ग्राहकों की KYC नहीं की थी। लाखों अकाउंट का पैन वैलिडेशन नहीं हुआ था। मल्टीपल कस्टमर्स के लिए सिंगल पैन का इस्तेमाल हो रहा था। कई मौकों पर RBI को बैंक की ओर से गलत जानकारी भी दी गई।

RBI ने 31 जनवरी 2024 को जारी प्रेस रिलीज में कहा है कि 11 मार्च 2022 को पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड (PPBL) को एक नोटिस जारी किया गया था। बैंक को नए ग्राहक एड करने से रोक लगा दी गई थी। एक एक्सटर्नल टीम से सारे ऑडिट कराने की भी बात कही थी।

रिलीज में कहा गया है कि सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट में एक्सटर्नल ऑडिटर्स को पेटीएम पेमेंट बैंक की वर्किंग में कई तरह की खामी मिली। पता चला कि बैंक ने RBI के नियमों की अवहेलना भी की है। इसके बाद RBI ने कड़ा एक्शन लेने का फैसला लिया। RBI ने 4 बातें कहीं:

  • 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक के अकाउंट में पैसा जमा नहीं किया जा सकेगा। इस बैंक के जरिए वॉलेट, प्रीपेड सर्विसेज, फास्टैग और दूसरी सर्विसेज में पैसा नहीं डाला जा सकेगा। हालांकि इंटरेस्ट, कैशबैक और रिफंड कभी भी अकाउंट में क्रेडिट हो सकेगा।
  • इस बैंक के ग्राहकों के सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, प्रीपेड उपकरण, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड आदि में मौजूद पैसों के विड्रॉल या उपयोग पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। बैलेंस अवेलेबल होने तक इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
  • दूसरे नंबर के पॉइंट में बताई गई सर्विसेज के अलावा 29 फरवरी 2024 के बाद कोई भी बैंकिंग सर्विस प्रोवाइड करने की अनुमति पेटीएम पेमेंट बैंक के पास नहीं होगी। UPI सुविधा भी 29 फरवरी के बाद नहीं दी जा सकेगी।
  • वन97 कम्युनिकेशंस और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज के नोडल अकाउंट 29 फरवरी 2024 तक बंद होंगे। पाइपलाइन में मौजूद ट्रांजैक्शन और नोडल अकाउंट का सेटलमेंट 15 मार्च 2024 तक पूरा किया जाएगा। उसके बाद कोई और ट्रांजैक्शन की अनुमति नहीं होगी।

राहुल: अच्छा तब तो पेटीएम का भी जवाब आया होगा उसने क्या कहा?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट: पेटीएम के CEO विजय शेखर शर्मा ने दावा किया है कि पेटीएम काम कर रहा है और 29 फरवरी के बाद भी हमेशा की तरह काम करता रहेगा। मैं पेटीएम टीम के प्रत्येक सदस्य के साथ आपके अथक समर्थन के लिए आपको सलाम करता हूं। हर चुनौती का एक समाधान है।

वन 97 कम्युनिकेशन ने कहा कि एक पेमेंट कंपनी के रूप में, वो अलग-अलग पेमेंट प्रोडक्ट पर कई बैंकों के साथ काम करती है। सिर्फ पेटीएम पेमेंट बैंक के साथ नहीं। प्रतिबंध शुरू होने के बाद से कंपनी ने अन्य बैंकों के साथ काम करना शुरू कर दिया है।

आगे चलकर, कंपनी केवल अन्य बैंकों के साथ काम करेगी, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के साथ नहीं। कंपनी की यात्रा के अगले चरण में वो पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज का विस्तार करेगी, लेकिन इसे केवल अन्य बैंक की पार्टनरशिप में किया जाएगा।

राहुल: RBI के फैसले के बाद पेटीएम बैंक का क्या होगा, ये बंद हो जाएगा?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट: पेटीएम पेमेंट बैंक में RBI को जो गड़बड़िया मिली हैं अगर उनका समाधान नहीं निकलता है तो बैंक मुश्किल में पड़ जाएगा। किसी दूसरे बैंक के इसे टेकओवर करने की नौबत भी आ सकती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दक्षिण कैरोलिना में डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में जीत की हासिल, ट्रंप पर किया हमला

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अमेरिकी मीडिया के अनुमानों के अनुसार, 81 वर्षीय बाइडेन ने दो बहुत पीछे चल रहे प्रतिद्वंद्वियों पर भारी जीत के साथ अपनी पार्टी के नामांकन के लिए मार्च शुरू किया.

चार्ल्सटन: 

अमेरिका में राष्‍ट्रपति पद के लिए दौड़ जारी है, जिसमें मौजूदा राष्‍ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप भी शामिल हैं. एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शनिवार को दक्षिण कैरोलिना डेमोक्रेटिक प्राइमरी में जीत हासिल की. बाइडेन ने कहा कि वह नवंबर के चुनाव में रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प को हरा देंगे. अमेरिकी मीडिया के अनुमानों के अनुसार, 81 वर्षीय बाइडेन ने दो बहुत पीछे चल रहे प्रतिद्वंद्वियों पर भारी जीत के साथ अपनी पार्टी के नामांकन के लिए मार्च शुरू किया. 

हालांकि, डेमोक्रेट यह देखने के लिए प्राइमरी के नतीजों पर गौर करेंगे कि क्या कम अप्रूवल रेटिंग से जूझ रहे बाइडेन ने अश्‍वेत मतदाताओं का समर्थन जीता, जिन्होंने उन्हें चार साल पहले व्हाइट हाउस तक पहुंचाने में मदद की थी? बाइडेन ने एक बयान में कहा, “अब 2024 में दक्षिण कैरोलिना के लोगों ने फिर से बात की है और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने हमें फिर से राष्ट्रपति पद जीतने की राह पर खड़ा कर दिया है और डोनाल्ड ट्रम्प को फिर से हारा हुआ बना दिया है.”

दक्षिणी अमेरिकी राज्य ने 2020 में व्हाइट हाउस के लिए बाइडेन की राह शुरू की, जब उन्होंने पहले प्राइमरीज़ में कई असफलताओं के बाद अपने अभियान को बदल दिया. प्राइमरी में बाइडेन के पास केवल दो लंबे-चौड़े चैलेंजर थे: मिनेसोटा के कांग्रेसी और जिलेटो मैग्नेट डीन फिलिप्स, और लोकप्रिय लेखक मैरिएन विलियमसन.