झारखंड के पर्यवरणहित में अधिवक्ता अभय मिश्रा, उच्च न्यायालय की अलग पहचान : कमलेश सिंह
झारखंड प्रदेश में पर्यवरणहित में लिए सदैव खड़े रहने वाले श्री अभय मिश्रा की सराहनीय कार्य हमेशा ही देखने को मिलता है। चाहे वह पलामू के अंदाग जंगल की अवैध कटाई पर CID जांच की हो या अन्य कई मुकदमा की। एक बार फिर लातेहर जिले के कचड़ा संग्रह स्थल को लेकर चल रही
माननीय झारखंड उच्च न्यायालय ने आज जनहित वाद संख्या 216/2020 अनिल कुमार पाठक व अन्य बनाम राज्य सरकार व अन्य में दोनों पक्षों के सुनवाई के उपरांत,
राज्य सरकार के अधिवक्ता के सहमति के आधार पर ,
लातेहार कचड़ा संग्रह स्थल , गांव,हरखा,में कचड़ा नहीं फेंकने का आदेश पारित किया, जब तक इस मामले की सुनवाई पुर्ण नहीं हो जाती वहां किसी भी प्रकार का कचड़ा नहीं फेंका जाएगा।
जनहित याचिका हरका गांव के ग्रामीणों के द्वारा,दायर किया गया है ।
जनहित याचिका में कहा गया है कचरा फेंकने के स्थान पर सोती झरना एवं अन्य प्राकृतिक जल स्रोत उपलब्ध है।
कचरा फेंकने के स्थान से मात्र 100 मीटर पर गोवा नदी तथा 200 मीटर पर औरंगा नदी अवस्थित है।
ऐसे में जिस स्थान पर कचरा फेंका जा रहा है पूरे लातेहार शहर का कचडा फेका जा रहा है । सोती झरना एवं अन्य जल स्रोत है , गोवा नदी और औरंगा नदी भी है नदी प्रदूषित हो जाएगी।
जबकि इस नदियों का पानी जनता पीने के काम में लाती है।
उतना ही नहीं औरंगा नदी का पानी पूरा लातेहार शहर पीता है और वहां जल छाजन के लिए पीएचडी का कूप भी बना है।
जिस भूमि पर कचरा फेंकने का स्थान बना है 5 एकड़ में वह वन भूमि थी हाल सर्वे में उसे टाड दिखाया गया है वह भी गलत है।
वन भूमि को टांड़ परिवर्तित नहीं किया जा सकता।
ज्ञात हो कि मुकदमे की तारीख को देखते हुए वादी के अधिवक्ता अपने पूरी टीम के साथ लातेहर के स्थल निरीक्षण करके अपना पक्ष मजबूती से रखा एवं साक्ष्य प्रस्तुत किया।
मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई 2024 को होगी